- भारत में 70% अधिक जनसंख्या कृषि पर निर्भर करती है, जबकि कृषि योग्य भूमि विश्व की कुल कृषि योग्य भूमि के सापेक्ष लगभग 40 प्रतिशत है। स्पष्ट है कि प्रति व्यक्ति कृषि योग्य भूमि की उपलब्धता विश्व के विकसित राष्ट्रों की तुलना में बहुत कम है।
- अतः देश को खाद्यान्न में स्वावलम्बी होने के लिए प्रति हेक्टेयर उत्पादन एवं उत्पादकता में बृद्धि करना नितान्त आवश्यक है। उत्पादन एवं उत्पादकता में बृद्धि के लिए कृषि निवेशों की अह्म भूमिका होती है, जिसमें से बीज एक महत्वपूर्ण निवेश है |
- वैज्ञानिक अनुसंधानों से विदित होता है कि 15-20 प्रतिशत की उत्पादन में वृद्धि उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों के उपयोग से होती है। हरित क्रान्ति के पश्चात् यह आवश्यक हो गया था कि देश की कृषि संस्थाएं उच्च गुणवत्तायुक्त बीजों का उत्पादन कर कृषकों को उपलब्ध करायें।
- उत्तर प्रदेश राज्य के विभाजन से पूर्व बीजो की आपूर्ति हेतु उत्तर प्रदेश एवं तराई विकास निगम का मुख्यालय पंतनगर में स्थापित था 👉 और जानिए